जाने पिप्पली के औषधीय गुण तथा फायदे (Medicinal properties and benefits of Pippali)-
Pippali ke fayde in hindi- आज हम आपको एक ऐसे हर्ब्स के बारे में बताएंगे जिसका आयुर्वेद (Ayurved) में विशिष्ठ स्थान है। उस हर्ब्स का नाम है पिप्पली के अनेक फायदे है (pippali ke multi benefits in hindi) परन्तु इस अद्भुत और उपयोगी जड़ी बूटी के बारे में अधिकांश लोगो को पता ही नहीं है। पिप्पली क्या है तथा इसके फायदे क्या-क्या है? आचार्य श्री बालकृष्ण के अनुसार पिप्पली के इस्तेमाल से आप एक-दो नहीं बल्कि अनेक रोगों का इलाज कर सकते हैं। तो आइये विस्तार से जानते है पिप्पली के अनेक रोगो में फायदे के बारे में।
पिप्पली (Pippali) का वानस्पतिक नाम पाइपर लांगम (Piper longum Linn.) है और यह पाइपरेसी (Piperaceae) कुल का पौधा है। छोटी पिप्पली भारत के गर्म प्रदेशों में प्रचुर मात्रा में उत्पन्न या उगाई जाती है लेकिन बड़ी पिप्पली मलेशिया, इंडोनेशिया और सिंगापुर जैसे देशो से आयात की जाती है। पिप्पली की लता सुगन्धित तथा भूमि पर फैलने वाली होती है। यह स्वाद में तीखा होने के साथ बहुत ही गुणकारी है। इसकी जड़ लकड़ी जैसी, कड़ी, भारी और श्यामले रंग की होती है। यह बारिश के मौसम में खिलती है तथा इसके फल ठण्ड के मौसम में तैयार होते है। इनके फल को ही पिप्पली कहा जाता है तथा जड़ को पिप्पला जड़ के नाम से जाना जाता है। मार्केट में इसके फल के साथ-साथ जड़ तथा गांठ की भी बिक्री होती है जो आवश्यकतानुसार प्रयोग किया जाता है।
विभिन्न रोगो में पिप्पली के फ़ायदे:- पिप्पली एक बेहद उपयोगी जड़ीबूटी है जिसके उपयोग से अनेक रोगो से निजात पाने में मदद मिल सकती है। पर हम जाने जानेंगे कुछ गंभीर तथा मुख्य समस्याओं के बारे में जिससे आये दिन लोग परेशान रहते है।
पाचनतंत्र विकार में लाभप्रद (Pippali benefits in Digestion problem in Hindi):- पाचनतंत्र में गड़बड़ी होने से पाचन क्रिया ख़राब हो जाती है जिससे कब्ज, गैस, भूख न लगना, जैसी अन्य पेट सम्बन्धी समस्याएं होने लगती है। इससे इंसान कमजोर पड़ने लगता है। पिप्पली को गुड़ के साथ गाय या बकरी के दूध में हलकी आंच पर पकने दे जब घी मात्र बच जाए तो उसे सेवन करने से पाचन क्रिया ठीक होता है तथा साथ ही ये उपाय खांसी के समस्या में भी लाभप्रद है। इसके अलावा पिप्पली को सोंठ और भांग के साथ बराबर मात्रा में पीसकर शहद से साथ भोजन से पहले सेवन करने से भी लाभ मिलता है।
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बवासीर में फायदेमंद (Piles me Pippali ke fayde):- बवासीर की समस्या में मलद्वार में सूजन तथा पिम्पल हो जाते है तथा मलत्याग के समय खून गिरता है तथा असहनीय पीड़ा होती है। इस समस्या में बराबर मात्रा में पिप्पली, भुना जीरा, पीसकर तथा चुटकी भर सेंधा नमक को छांछ में मिलाकर सुबह खाली पेट सेवन करने से बवासीर से राहटी मिलती है। पिप्पली, सेंधा नमक, कूठ और सिरस के बीज बराबर मात्रा में पीसकर इसे सेंहुड (थूहर) या बकरी के दूध में मिलाकर लेप करने से बवासीर के मस्से खत्म हो जाते हैं। सेहुण्ड का दूध तीक्ष्ण होता है, इसलिए मस्सों पर सावधानी से लगाएं।
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मासिक धर्म विकार में लाभदायी (Pippali benefits in Menstrual problem in Hindi):- मासिक धर्म मादाओं में प्राकृतिक क्रिया है जो एक समय के बाद शुरू हो जाता है। परन्तु कुछ महिलाओं में अनियमितता, असहनीय दर्द तथा अन्य मासिक धर्म सम्बन्धी विकार पाए जाते है। पिप्पली, सोंठ, मरीच, नागकेसर को बराबर मात्रा में चूर्ण बनाकर घी से साथ सेवन करने से माहवारी विकार से राहत मिलती है। यह मासिक धर्म के समय होने वाले दर्द व हार्मोन्स के विकारों में भी यह लाभ पहुंचाता है।
वीर्य रोग में पिप्पली के फायदे:- वीर्य रोग में स्पर्म काउंट की संख्या घटने लगती है। जिससे यौन जीवन के दुखद होने के साथ-साथ पुरुष बाँझपन के आसार भी होते है। राल, पिप्पली तथा मिश्री को बराबर मात्रा में मिलाकर दूध के साथ नियमित सेवन करने से वीर्य विकार से छुटकारा मिलता है।
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स्वस्थ्य लीवर के लिए पिप्पली:- इसमें पिपेरिन नामक तत्व पाया जाता है जो लीवर की कोशिकाओं को स्वस्थ रखकर लीवर के कार्य करने की क्षमता को बढ़ाता है। इसलिए पिप्पली को लीवर सम्बन्धी स्वास्थ्य में भी फायदेमंद माना जाता है।
कोलेस्ट्राल को कम करने में लाभकारी:- विशेषज्ञों के अनुसार कोलेस्ट्राल के बढ़ने से ह्रदय रोग का खतरा बना रहता है। लोग कोलेस्ट्रॉल कम करने के लिए बहुत मेहनत करते हैं। (Pippali benefits for Control cholestrol level) इस समस्या में भी पिप्पली बहुत फायदेमंद माना जाता है। पिप्पली चूर्ण को शहद के साथ सुबह सेवन करने से कोलेस्ट्रॉल की मात्रा संतुलित होती है तथा ह्रदय रोग से बचाव तथा लाभ मिलता है।
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इसके आलावा पिप्पली के अन्य रोगो में फायदे:-
- खांसी और बुखार में
- दांतों के रोग में
- अनिद्रा (नींद न आने की समस्या) में
- मोटापा कम करने में
- दस्त तथा पेट दर्द की समस्या में
- एनीमिया में
- स्तनों में दूध की कमी की समस्या में
- साइटिका तथा त्वचा रोग में
- बुखार तथा टीबी की समस्या में
- ह्रदय रोग में
जैसा की ऊपर के पैराग्राफ में बताया गया की पिप्पली मानव जीवन में अनेक रोगो का नाश करता है। परन्तु ध्यान रहे किसी भी समस्या में इसका सेवन चिकित्सक की देखरेख में ही करे। क्यूंकि अधिक मात्रा में भोजन भी नुकसानदेह हो जाता है इसलिए मात्रा का ध्यान अवश्य रखे !
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