अकरकरा का नाम बहुत कम लोगों को पता होगा। आप ये जानकर आश्चर्य में पड़ जायेंगे कि अकरकरा के औषधीय और आयुर्वेदिक गुण अनगिनत हैं। आयुर्वेद में अकरकरा पाउडर और चूर्ण का उपयोग दवा के रूप में किया जाता है। अकरकरा को सिर दर्द, दांत दर्द, मुँह के बदबू, दांत संबंधी समस्या, हिचकी जैसे बीमारियों के लिए जादू जैसा काम करता है। चलिये इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।
अकरकरा का पौधा क्या होता है? (What is Akarkara Plant in Hindi?)
आयुर्वेद में अकरकरा का प्रयोग लगभग 400 वर्षों से किया जा रहा है। यद्यपि चरक, सुश्रुत आदि प्राचीन ग्रन्थों में इसका उल्लेख प्राप्त नहीं होता है, तथापि यह नहीं माना जा सकता कि यह बूटी भारतवर्ष में पहले नहीं होती थी।
अकरकरा के फायदे (Akarkara Uses and Benefits in Hindi)
- अकरकरा के पौधे के फायदों के बारे में जितना कहेंगे कम ही होगा। अकरकरा के गुणों के कारण ये कई बीमारियों के लिए आयुर्वेद में प्रयोग किया जाता है।
- अकरकरा इच्छा को उत्तेजित करता है और जननांगों की ओर खून के बहाव को बढ़ाता है। अकरकरा कामोत्तेजक, कामेच्छा उत्तेजक और स्पर्मेंटोजेनिक क्रियाएं होती है. यह एंड्रोजन के स्राव को प्रभावित करता है और उसके बनने को बढ़ाता है. अकरकरा प्रजनन क्षमता को बढ़ाता है।
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- अकरकरा के फायदे सिरदर्द से राहत दिलाने में बहुत मदद करता है। अकरकरा की जड़ या फूल को पीसकर, हल्का गर्म करके ललाट (मस्तक) पर लेप करने से मस्तक का दर्द कम होता है। इसके अलावा इसके प्रयोग से मुख की दुर्गंध भी दूर हो जाती है, एक बार के प्रयोग के लिए एक फूल या थोड़ा कम पर्याप्त होता है।
- सांस संबंधी समस्याओं में अकरकरा का औषधीय गुण कम आता है। अकरकरा के कपड़छन चूर्ण (कपड़े से छाना हुआ) को सूंघने से श्वास में लाभ होता है।
- विशेषज्ञों की मानें तो बुखार और सर्दी-खांसी में अकरकरा का सेवन करना लाभदायक होता है। इसमें एंटी-वायरल और एंटी-बैक्टीरियल के गुण पाए जाते हैं जो फ्लू को दूर करने में सहायक होते हैं। इसके लिए अकरकरा के पाउडर में चिरायता के रस को मिलाकर सेवन करना चाहिए। इससे बुखार में आराम मिलता है।
- पेट संबंधी विभिन्न बीमारियों जैसे पेट दर्द,पेट फूलना,अपच, बदहजमी जैसे बीमारियों में अकरकरा का सेवन फायदेमंद होता है।अकरकरा मूल-चूर्ण और छोटी पिप्पली-चूर्ण को समान मात्रा में लेकर उसमें थोड़ी भुनी हुई सौंफ मिलाकर, आधा चम्मच सुबह शाम भोजनोपरांत (खाना खाने के बाद) खाने से उदररोगों या पेटदर्द में लाभ होता है।
- अगर दांत दर्द से परेशान हैं तो अकरकरा का इस तरह से सेवन करने पर जल्दी आराम मिलता है। 10 ग्राम अकरकरा की जड़ या पुष्प में 2 ग्राम कपूर तथा 1 ग्राम सेंधानमक मिलाकर, पीसकर चूर्ण बना लें। इस चूर्ण का मंजन करने से सब प्रकार के दंत दर्द से राहत मिलती है।
- मासिक धर्म या पीरियड्स होने के दौरान बहुत तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है, जैसे- मासिक धर्म होने के दौरान दर्द होना, अनियमित मासिक धर्मचक्र, मासिक धर्म के दौरान रक्तस्राव या ब्लीडिंग कम होना या ज्यादा होना आदि। इन सब में अकरकरा का घरेलू उपाय बहुत ही लाभकारी होता है। अकरकरा-मूल का काढ़ा बनायें। 10 मिली काढ़े में चुटकी भर हींग डालकर कुछ माह सुबह-शाम पीने से मासिकधर्म ठीक होता है। इससे मासिकधर्म के दिनों में होने वाली दर्द से भी छुटकारा मिलती है।
- स्पर्म काउन्ट बढ़ाये अकरकरा (To Increase Sperm Count) आजकल की जीवनशैली और आहार का बुरा असर सेक्स लाइफ पर पड़ रहा है जिसके कारण सेक्स संबंधी समस्याएं होने लगी हैं। 1 ग्राम आकारकरभादि चूर्ण में मधु मिलाकर सेवन करने से स्पर्म का काउन्ट बढ़ता है।
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